देश के अन्नदाता को इंसान नहीं समझती सरकारें। प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड रवि पंवार भाकियू प्रधान

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भाकियू प्रधान प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड रवि पंवार जी ने पत्रकारों को बताया कि एक बार फिर सरकार ने दिखा दिया है की सरकार को किसानों की बिल्कुल चिंता नहीं है। यूपी सरकार ने गन्ने के रेट में बढ़ोतरी ना करके किसानों के साथ विश्वासघात किया है।
बीते समय से जब से भाजपा की सरकार है इन्होंने उद्योगपतियों और इंफ्रास्ट्रक्चर को चमकाने के लिए तो बहुत कुछ किया है पर हमेशा से जैसे पहले सरकारें करते हुए आई है, किसानों की अनदेखी की गई है, किसानों के सभी मुद्दों पर सरकार हमेशा मोन धारण करती आई है,किसी भी समस्या का समाधान आज तक नहीं किया गया है।
हम जितना मर्जी आंदोलन करें जितने मर्जी धरना प्रदर्शन करें सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। जैसे की कल उत्तर प्रदेश सरकार ने कितने बड़े स्तर पर किसानों की मांग होने के बावजूद भी गन्ने के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की, क्या पिछले साल से इस साल तक कोई महंगाई नहीं बढ़ है, अगर बढ़ी है तो अन्नदाता की झोली क्यों खाली है।
महंगाई करीब डेढ़ गुना बड़ी है पर किसानों की आय नहीं बढ़नी चाहिए यही सरकार की नीति है, ज्योंकि बहुत ही गलत है अमानवीय है, अकल्पनीय है और असहनीय है।
पूर्व की भांति किसानों की सभी मांगे आज भी ऐसे ही खड़ी है।
वादा करने के बावजूद MSP (एमएसपी)को आज तक लागू नहीं किया गया, देश का किसान जिसे अन्नदाता बोला जाता है उसकी झोली हमेशा खाली रहती है। जैसे सरकार शहरों में रहने वाले लोगों को सुविधा प्रदान करती है, तो क्या गांव में इंसान नहीं बसते।
इससे सभी सरकार की किसानों के प्रति अलग सोच जाहिर होती है।
क्या किसानों को ऋणमाफी नहीं मिलनी चाहिए जबकि बड़े-बड़े उद्योगपतियों के ऋणों को सरकार सेटल करती है, किसानों का अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए अपनी फसलों का उचित दाम मांगना क्या अपराध है।
मुझे तो लगता है की एमएसपी की मांग हमारा एक सपना ही रह जाएगा सरकारें हमारे आंदोलन को कुचलती रहेगी, हमारी आवाजों को दबाते रहेगी, किसानों को अपने हक के लिए सरकारों से लड़ाई लड़नी ही होगी, इसके लिए सभी किसानों को एक साथ आना ही होगा।

नहीं तो सुविधाओं के नाम पर किसानों को सिर्फ वायदे किए जाते रहेंगे और मिलेगा कुछ नहीं।

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