किसानों की समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने कहा है कि किसानों की लागत और कृषि कर्ज का बोझ बढ़ रहा है लेकिन कृषि उपज नहीं बढ़ रही। समिति ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की है इसमें कृषि संकट के कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। जिसमें स्थिर उपज, बढ़ती लागत और कर्ज, अपर्याप्त मार्केटिंग सिस्टम शामिल है। किसानों की शिकायतो को हल करने के लिए पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित की थी समिति का गठन करते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, कि किसानों के विरोध का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
समिति ने भी कहा कि जलवायु आपदा और इसके घातक परिणामो ,जिसमें घटना जलस्तर, बार-बार सुखा पड़ना,कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा का होना, भीषण गर्मी कृषि क्षेत्र और खाद सुरक्षा को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहे हैं। फसल अवशेषों का प्रबंध भी कृषि में गंभीर चुनौती बन गया है देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, 1995 से लेकर अब तक चार लाख से अधिक किसानों और कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की है।
समिति ने अदालत के विचार के लिए कुछ मुद्दे तैयार किए हैं इनमें कृषि भूमि को पुनः जीवित करने के उपाय, बढ़ते कर्ज के बुनियादी कारणों की जांच करना, किसानों और ग्रामीणों के बीच बढ़ती अशांति की जांच, किसानों और सरकार के बीच विश्वास बहाल करने में मदद करेगी।
इससे एमएसपी को कानूनी मान्यता मिलने की संभावना बड़ी है।