रिया अब कभी स्कूल नहीं जा पाएगी ।
घटना 29 मार्च की है,
एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक कक्षा नौ की छात्रा ने अपने स्कूल में फीस का बकाया होने की वजह से आत्मघाती कदम उठाया। घटना साउथ यूपी के पितईपुर मानधाता इलाके की है, जहां कमला शरण इंटर कॉलेज में पढ़ाई कर रही 17 वर्षीय रिया प्रजापति ने परीक्षा से बाहर होने के बाद फंदे से लटककर जान दे दी। उसकी मां ने आरोप लगाया कि फीस के बकाए की वजह से स्कूल प्रशासन ने उसे अपमानित किया और परीक्षा से बाहर किया, जिससे दुखी होकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 9वीं कक्षा की छात्रा रिया प्रजापति ने इसलिए अपनी जान दे दी क्योंकि उसके स्कूल ने फीस बकाया होने पर उसे परीक्षा से बाहर कर दिया और अपमानित किया।
क्या यही है हमारी “नई शिक्षा नीति”?
क्या यही है वो “समावेशी भारत”, जहाँ हर बच्चा पढ़ने का अधिकार लेकर पैदा होता है?
आज हम चाँद पर जा रहे हैं, AI में तरक्की कर रहे हैं, डिजिटल इंडिया बना रहे हैं.लेकिन क्या हमारी संवेदनाएं मर चुकी हैं?
क्या शिक्षा अब सिर्फ पैसे वालों की जागीर बनकर रह गई है?
प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा को कारोबार बना डाला है।
मनमानी फीस
बिल्डिंग चार्ज
यूनिफॉर्म और बुक्स सेंटर के नाम पर लूट
और गरीब बच्चों के आत्मसम्मान को रौंदते शिक्षक और प्रबंधन..
रिया तो चली गई.पर सवाल छोड़ गई —
कौन जिम्मेदार है उसकी मौत का?
रिया जैसी हजारों बच्चे बच्चियाँ कहीं चुप हैं,कहीं टूट रहे हैं
शिक्षा_या_शोषण










